lord shiva 108 names hellozindgi

Lord Shiv 108 नाम Hindi | Shiv Meaning | Boys Names PDF

WELLNESS FOREVER

प्राचीन काल से ही संसार में उत्पन शक्ति तथा उस शक्ति के नियंत्रण को भगवान से जोड़कर देखा जाता है।

शक्ति को स्त्री रूप तथा शक्ति गलत दिशा में न चली जाये इसलिए पुरुष को नियंत्रक के रूप में देखा गया है। जिससे शक्ति को सही दिशा में मोड़कर उसका सही उपयोग होने लगे ये दोनों विशेषताएँ भगवान शिव में समाहित है।

शिव को रहस्यमय गुणों की खान माना गया है | आईये इस पेज में भगवान शिव से जुडी कुछ रोचक जानकारियाँ साझा करते है। जिसमे शिव के १०८ नाम अर्थ सहित तथा शिव के परिवार की जानकारी है | ऐसी जानकारी बहु बहुत कम लोगों के पास है ।

इस पेज में हम आको भगवान शिव के कुछ अन्य नाम भी बताएँगे जिनको जपने से असीमित लाभ प्राप्त होते है। इसके लिए आप hellozindgi.com पर  हमारे साथ जुड़े रहें और अपने ज्ञान का विस्तार करें ।

divya shiv meaning

Shiv meaning in Hindi

शिव में ‘शि’ ध्वनि का अर्थ मूलरूप से शक्ति या ऊर्जा होता है। स्त्री को हमेशा शक्ति के रूप में देखा जाता है।

अंग्रेजी भाषा में भी स्त्री को शक्ति के रूप में प्रस्तुत किया गया है। जिसको ‘शी’ शब्द का इस्तेमाल किया है।

दूसरे शब्दों में ‘शी’ को ऊर्जा के रूप में देखा जाता है। ‘व’ जिसको  वाम से लिया गया है। जिसका अर्थ प्रवीणता है।

मतलब दिशाहीन ऊर्जा जो की विनाशकारी होती है। विनाश से बचने के लिए इसे नियंत्रण करना होता है। इसे नियंत्रण करने के लिए ‘व’ जोड़ा गया है। शक्ति व नियंत्रण मिलकर शिव कहलाता है।

2.1 ARDHNARISHWER HELLOZINDGI 1 Lord Shiv 108 नाम Hindi | Shiv Meaning | Boys Names PDF

प्राचीन काल में शिव को अर्द्धनारीश्वर कहा गया है। जिसका भाव आधा पुरुष आधी नारी से है। यहाँ पर स्त्री शक्ति का प्रतीक है तथा पुरुष संतुलन का प्रतीक है। शक्ति ‘शी’ तथा संतुलन ‘व’ दोनों को मिला कर शिव कहा जाता है। इसलिए शिव अर्द्धनारीश्वर भी कहलाते है।   

Shiva Synonyms in Hindi

पर्यायवाची शब्द का सामान्य अर्थ समानार्थक शब्द है। अर्थात समान अर्थ को प्रकट करने वाला शब्द है। समान अर्थ का वाचक पर्यायवाची कहलाता है।

शिव के पर्यायवाची है

शम्भू ,ईश, शंकर, चन्द्रशेखर, महेश्वर ,महादेव, भव ,भूतेश, गिरीश, हर, त्रिलोचन, विश्वनाथ, नीलकंठ ,रूद्र ,महेश, पशुपति ,उमापति ,कैलाशपति ,गिरिजापति ,गौरीपति, आशुतोष, उमेश, कपर्दी, काशीनाथ, कैलाशनाथ, गंगाधर, चंद्रचूड़ ,चन्द्रभान ,चन्द्रमोली ,त्रिनेत्र ,त्रिपुरी ,नटनागर, नटराज ,पंचानन, पिनाकी, भूतनाथ, भैरव, भोलेनाथ ,विरुपाक्ष ,हर ,आदि। 

lord shiva in meditation on himalaya hellozindgi

108 names of lord shiva in Hindi

शिव – कल्याण स्वरूप
शम्भू –आनंद स्वरूप वाले
महेश्वर – माया के अधीश्वर
पिनाकी – पिनाक धनुष
शशिशेखर – चन्द्रमा धारण करने वाले
वामदेवअत्यंत सुंदर स्वरुप वाले
विरुपाक्ष –विचित्र आँख वाले
कपर्दी – जटा जूट धारण करने वाले
शंकर – सबका कल्याण करने वाले
शलपाणी – त्रिशूल धारण करने वाले
विष्णुबल्ल्भ – विष्णु के अतिप्यारे
अंविकानाथ – भगवती के पति
श्री कंठ – सुंदर कंठ वाले
भक्तवत्सल – भक्तो को अत्यंत स्नेह करने वाले
त्रिलोकेश – तीनो लोको के स्वामी
नीलकंठ – नीला कंठ
शिवाप्रिय – पर्वती के प्रिय
कामारी – कामदेव के शत्रु
गंगाधर – गंगा धारण करने वाले
महाकाल – कालों के भी काल
कैलाशवासी – कैलाश के निवासी
त्रिपुरान्तक त्रिपुरासुर को मारने वाले
बृषाअंक – बैल के ध्वजा वाले वाले
बृषभारूढ़ बैल की सवारी वाले
ललायक्ष – ललाट पर आँख रखने वाले
कृपानिधि – करुणा की खान
भीम – भयंकर रूप वाले
नीलोहित – नीले लाल रंग वाले
खटवांगी – खटिया का पाया
भव – संसार के रूप में प्रकट
शर्व – कष्टों को नष्ट करने वाला
शिति कंठ –
उग्र –उग्र रूप वाले
कपालीकपाल धारण करने वाले
सूरसूदन – अंधक दैत्य को मारने
गिरिप्रिय – पर्वत प्रेमी
कृतिवासा – गज चर्म पहनने वाले
पुराराति – पुरो का नाश करने वाले
भगवान – सर्व समर्थ सम्पन्न
प्रमथाधिप – प्रमेय गणों के अधिपति
मृत्युजंय – मृत्यु को जितने वाला
सूक्ष्मतनु –सूक्ष्म शरीर वाला
जगदव्यापी – जगद में व्याप्त हो कर
व्योमकेश – आकाश रूपी बाल वाले
महासेनजनक – कार्तिकेय के पिता
चारुविक्रम – सुंदर पराक्रम वाले
रूद्र – भयानक
भूतपति – बहुत प्रेत के स्वामी
अहिबुर्धन्य कुण्डलिनी को धारण करने वाले
दिगम्वर – आकाश रूपी वस्त्र
अष्टमूर्ति – आठ रूप वाले
अनेकआत्मा अनेक रूप धारण करनेवाले
सात्विक – सत्व गुण वाले
शुद्ध विग्रहशुद्ध मूर्ति वाले
शाश्र्वत –नित्य रहने वाला
खण्डपरशु –टूटा हुआ फरसा धारण
अज – जन्म रहित
पाशविमोचन – बंधन से छुड़ाने वाले
मृड सुख स्वरूप वाले
पशुपति – पशुओं के स्वामी
देव – स्वयं प्रकाश रूप
महादेव – देवों के भी देव
अव्यय – खर्च होने पर भी न घटने वाला
परशुहस्त – फरसा धारण करने वाले
मृगपाणी – हिरण धारण करने वाले
जटा धर – जटाधारण करने वाले
कवची – कवच
कठोर – मजबूत देह वाले
भस्मोद्धूलित विग्रह – शरीर में भस्म
समाप्रिय – सामगान से प्रेम करने वाले
स्वर गामी – सातों स्वरों में निवास
ऋयीमूर्ति – वेदरूपी विग्रह करने वाले
अनीश्र्वर – जो स्वयं ही सबके स्वामी है
सर्वज्ञ – सब कुछ जानने वाला
परमात्मा – सब आत्माओं में सर्वोच्च
सोम सूर्याग्निलोचन – चंद्र सूर्य अग्नि रूपी आँख वाले
हवि – आहुति रूपी द्रव्य वाले
यज्ञमय – यज्ञ स्वरू प वाले
पंचवक्त्र – पाँच मुख वाले
सदाशिव –सदा कल्याण करने वाले
विश्र्वेश्र्वर –सारे विश्व के ईश्वर
वीरभद्र – वीर होते हुए भी शांत स्वरूप वाले
गणनाथ – गणों के स्वमी
प्रजापति – प्रजा के पालन करने वाले
हिरण्यरेता –स्वर्ण तेज वाले
दूर्घर्ष – किसी से नहीं दबने वाले
गिरीश – पर्वतों के स्वमी
गिरिश्वर –कैलाश पर सोने वाले
अनघ – पापरहित
भुजंगभूषण – सांपो के आभूषण वाले
भर्ग –पापो को भूंज देने वाले
गिरिधन्वा –मेरु पर्वत को धनुष बनाने वाले
हरि – विष्णु स्वरूप
पुषदन्तभित – पूषा के दन्त उखाड़ने वाले
अव्यग्र – कभी भी व्यथित न होने वाला
दक्षाध्वरहर – दक्ष के यज्ञ को नष्ट करने वाले
हर – पापो व तापो को हरने वाले
भगनेत्रभिद् भग देवता की आँख फोड़ने वाले
अव्यक्त – इन्द्रियों के सामने प्रकट न होने वाला
सहस्राक्ष –हजार आँखों वाला
अनंत – देश काल वस्तुरूपी परिछेद से रहित
तारक सबको तारने वाला
परमेश्वर – परम ईश्वर
LORD SHIVA TILAK STYLE SYMBOL

108 names of Lord Shiva in Sanskrit

  || श्री शिवाष्टोत्तरशत नामावलि:||

ॐ शिवाय नमः – कल्याण स्वरूप
ॐ शम्भू नमः –आनंद स्वरूप वाले
ॐ महेश्वराय नमः- माया के अधीश्वर
ॐ पिनाकिने नमः- पिनाक धनुष
ॐ शशिशेखराय नमः- चन्द्रमा धारण करने वाले
ॐ वामदेवाय नमःअत्यंत सुंदर स्वरुप वाले
ॐ विरुपाक्षय नमः-विचित्र आँख वाले
ॐ कपर्दीने नमः- जटा जूट धारण करने वाले
ॐ शंकराय नमः- सबका कल्याण करने वाले
ॐ शलपाणये नमः- त्रिशूल धारण करने वाले
ॐ विष्णुबल्ल्भाय नमः-विष्णु के अतिप्यारे
ॐ अंविकानाथाय नमः- भगवती के पति
ॐ श्री कंठाय नमः- सुंदर कंठ वाले
ॐ भक्तवत्सलाय नमः – भक्तो को अत्यंत स्नेह करने वाले
ॐ त्रिलोकेशाय नमः- तीनो लोको के स्वामी
ॐ नीलकंठाय नमः- नीला कंठ
ॐ शिवाप्रियाय नमः- पर्वती के प्रिय ाय
ॐ कामाराय नमःकामदेव के शत्रु
ॐ गंगाधराय नमः- गंगा धारण करने वाले
ॐ महाकालाय नमःकालों के भी काल
ॐ कैलाशवासिने नमः- कैलाश के निवासी
ॐ त्रिपुरान्तकाय नमः- त्रिपुरासुर को मारने वाले
ॐ बृषाअंकाय नमः – बैल के ध्वजा वाले वाले
ॐ बृषभारूढ़ाय नमः- बैल की सवारी वाले
ॐ ललायक्षाय नमः- ललाट पर आँख रखने वाले
ॐ कृपानिधि नमः- करुणा की खान
ॐ भीमाय नमः- भयंकर रूप वाले
ॐ नीलोहिताय नमः – नीले लाल रंग वाले
ॐ खटवांगी नमः- खटिया का पाया
ॐ भवाय नमःसंसार के रूप में प्रकट
ॐ शर्वाय नमः- कष्टों को नष्ट करने वाला
ॐ शितिकंठाय नमः –
ॐ उग्राय नमःउग्र रूप वाले
ॐ कपालाय नमःकपाल धारण करने वाले
ॐ सूरसूदन नमः- अंधक दैत्य को मारने
ॐ गिरिप्रियाय नमः- पर्वत प्रेमी
ॐ कृतिवासाय नमः- गज चर्म पहनने वाले
ॐ पुरारातये नमः- पुरो का नाश करने वाले
ॐ भगवते नमः- सर्व समर्थ सम्पन्न
ॐ प्रमथाधिपाय नमः- प्रमेय गणों के अधिपति
ॐ मृत्युजंयाय नमः- मृत्यु को जितने वाला
ॐ सूक्ष्मतनये नमः- सूक्ष्म शरीर वाला
ॐ जगदव्यापिने नमः- जगद में व्याप्त हो कर
ॐ व्योमकेशाय नमः- आकाश रूपी बाल वाले
ॐ महासेनजनकाय नमः – कार्तिकेय के पिता
ॐ चारुविक्रमाय नमः- सुंदर पराक्रम वाले
ॐ रूद्राय नमः- भयानक
ॐ भूतपतये नमः – बहुत प्रेत के स्वामी
ॐ स्थाणुाय नमः-स्पन्द रहित
ॐ अहिबुर्धन्याय नमः – कुण्डलिनी को धारण करने वाले
ॐ दिगम्वराय नमः- आकाश रूपी वस्त्र
ॐ अष्टमूर्तिये नमः- आठ रूप वाले
ॐ अनेकआत्मने नमः- अनेक रूप धारण करनेवाले
ॐ सात्विकाय नमः- सत्व गुण वाले
ॐ शुद्ध विग्रहाय नमः- शुद्ध मूर्ति वाले
ॐ शाश्र्वताय नमः- नित्य रहने वाला
ॐ खण्डपरशाय नमः- टूटा हुआ फरसा धारण
ॐ अजाय नमः- जन्म रहित
ॐ पाशविमोचनाय नमः – बंधन से छुड़ाने वाले
ॐ मृडाय नमः-सुख स्वरूप वाले
ॐ पशुपतये नमः- पशुओं के स्वामी
ॐ देवाय नमः- स्वयं प्रकाश रूप
ॐ महादेवाय नमः- देवों के भी देव
ॐ अव्ययाय नमः- खर्च होने पर भी न घटने वाला
ॐ परशुहस्ताय नमः- फरसा धारण करने वाले
ॐ मृगपाणी नमः- हिरण धारण करने वाले
ॐ जटाधराय नमः- जटाधारण करने वाले
ॐ कवची नमः- कवच
ॐ कठोराय नमः- मजबूत देह वाले
ॐ भस्मोद्धूलिताय विग्रह नमः- शरीर में भस्म
ॐ समाप्रियये नमः- सामगान से प्रेम करने वाले
ॐ स्वरगामाय नमः- सातों स्वरों में निवास
ॐ ऋयीमूर्ति नमः- वेदरूपी विग्रह करने वाले
ॐ अनीश्र्वराय नमः- जो स्वयं ही सबके स्वामी है
ॐ सर्वज्ञाय नमः- सब कुछ जानने वाला
ॐ परमात्मने नमः – सब आत्माओं में सर्वोच्च
ॐ सोम सूर्याग्निलोचनाय नमः- चंद्र सूर्य अग्नि रूपी आँख वाले
ॐ हविवाय नमः- आहुति रूपी द्रव्य वाले
ॐ यज्ञमये नमः- यज्ञ स्वरू प वाले
ॐ पंचवक्त्राय नमः- पाँच मुख वाले
ॐ सदाशिवाय नमः-सदा कल्याण करने वाले
ॐ विश्र्वेश्र्वराय नमः- सारे विश्व के ईश्वर
ॐ वीरभद्राय नमः- वीर होते हुए भी शांत स्वरूप वाले
ॐ गणनाथाय नमः- गणों के स्वमी
ॐ प्रजापतये नमः- प्रजा के पालन करने वाले
ॐ हिरण्यरेताय नमः – स्वर्ण तेज वाले
ॐ दूर्घर्षाय नमः- किसी से नहीं दबने वाले
ॐ गिरीशाय नमः- पर्वतों के स्वमी
ॐ गिरिश्वराय नमः- कैलाश पर सोने वाले
ॐ अनघये नमः- पापरहित
ॐ भुजंगभूषणाय नमः –सांपो के आभूषण वाले
ॐ भर्गाय नमः- पापो को भूंज देने वाले
ॐ गिरिधन्वााय नमः – मेरु पर्वत को धनुष बनाने वाले
ॐ हरिये नमः- विष्णु स्वरूप
ॐ पुषदन्तभिताय नमः – पूषा के दन्त उखाड़ने वाले
ॐ अव्यग्राय नमः- कभी भी व्यथित न होने वाला
ॐ दक्षाध्वरहराय नमः- दक्ष के यज्ञ को नष्ट करने वाले
ॐ हरये नमः- पापो व तापो को हरने वाले
ॐ भगनेत्रभिदाय नमः – भग देवता की आँख फोड़ने वाले
ॐ अव्यक्ताय नमः- इन्द्रियों के सामने प्रकट न होने वाला
ॐ सहस्राक्षाय नमः-हजार आँखों वाला
ॐ अनंताय नमः- देश काल वस्तुरूपी परिछेद से रहित
ॐ तारकाय नमःसबको तारने वाला
ॐ परमेश्वराय नमः- परम ईश्वर

Different Names Of Lord Shiva For Baby Boy

यहाँ पर हम आपको hindu baby boy names with meaning of lord shiva   देने जा रहे हैं आशा है की आप भी अपने घर में बच्चों के ऐसे सुन्दर नाम रख कर शिव नाम के जाप से लाभान्वित होंगे|

सावन के महीने में भगवान शिव के विभिन्न नामो का जाप करने से भिन्न प्रकार के लाभ प्राप्त होते है। सावन के महा में भगवान शिव ही भगवान विष्णु का कार्य भार संभालते है।

विश्वंभर – भगवान शिव के विश्वंभर नाम की पूजा सावन के महीने में करना फल दाई है। यदि आपको नौकरी या रोजगार प्राप्ति में किसी प्रकार की समस्या आ रही है। तो सावन महा में इस नाम का जप से लाभ प्राप्त होता है।

महेश – भगवान शिव का नाम महेश ,महा और ईश से मिलकर बना है। यह शिव जी के दयालुपन को दिखाता है इसका जप करने से रोजगार संबंधित समस्या दूर होती है।

आशुतोष – भगवान शिव का यह रूप गृहस्थ में आर ही समस्याओं को दूर करता है अगर आप के जीवन में किसी प्रकार की कलह चल रही हो तो सावन में इस नाम का जप करने से घर  चल रही समस्या ख़त्म हो जायेगी। 

महादेव – महादेव की महिमा अपार है। महादेव जपने से आपका भय दूर होता है। सावन के हर सोमवार सुबह स्नान के बाद मंदिर में जाकर शिवजी को जल चढ़ाये व १५ मिनट तक महादेव का नाम जपे। इससे आप की सेहत भी सुधरेगी।

रूद्र – भगवान शिव का यह रूप उनके क्रोध को दर्शाता है। इस नाम का जाप भक्तों को दोपहर के बाद करना चाहिए। इससे आपके संतान का व्यवहार आपके प्रीति सुधरेगा। रूद्र जप पूरा करने के बाद अपनी संतान का नाम ११ वार ले।

नटराज – भगवान  शिव के नटराज रुप में हम उनके नृत्य रूप के दर्शन करते है। यश ,कीर्ति पाने के लिए  शिव के इस  नाम का जाप करते है। प्रदोष काल में शिव के नटराज रूप का जप करने से विपत्तियाँ कटती है। इससे आप का मान सम्मान बढ़ेगा व यश प्राप्त होगा।

भोले बाबा – यह रूप बहुत भोला भाला है।  भगवान शिव का यह रूप भक्तों के प्रीति बड़ा दयालु है। जलाभिषेक तथा वेलपत्र चढ़ाने से ही इस रूप के कृपा मिलती है। जितना ज्यादा शिव के इस नाम का जाप करेंगे उतना ही ज्यादा लाभ होगा।

शिवजी – यह रूप मोक्ष द्धार खोलते है। सावन में रोजाना शिवजी का यह नाम जपने से घर में सुख सुविधा समृद्धि आती है। घर परिवार के धन वैभव में वृद्धि होती है।

पशुपति – भगवान शिव का यह रूप मानव के साथ पशुओं की रक्षा करने वाला माना जाता है। पशुपति नाथ को केदारनाथ का आधा भाग माना जाता  है। नेपाल के काठमांडू में भगवान शिव का भव्य मंदिर है। यहाँ का शिव लिंग तीन मुख वाला है।

कैलाश पति – भगवान शिव का यह रूप कैलाश पर्वत पर ब्रह्मांड के अधिपति भगवान शिव का वास होने की वजह से उन्हें कैलाश पति के नाम से  से भी पूजा जाता है। माता पर्वती के साथ भगवान गणेश का यह रूप पूरे परिवार का कल्याण करता है।

Lord Shiva Sons Names-

आपने भगवान  शिव के २ पुत्रों के वारे में सुना होगा। लेकिन शिव के २ नहीं ७ पुत्र थे। उनके जीवन में अनेक प्रकार की घटनाओं से शिव के 7  पुत्र हुए कार्तिक ,गणेश सुकेश ,अयप्पा ,जलंधर ,भौम ,अंधक पैदा हुए थे। जिनके पैदा होने की अलग अलग घटनाएँ प्रचलित है।

कार्तिकेय  – तारकसुर नामक राक्षस के अत्यचारों से मुक्ति दिलाने  के लिए शिव पार्वती का विवाह हुआ।  जिससे शिव के कार्तिकेय नामक पुत्र हुआ। जिसने  तारकसुर राक्षस का वध किया। और जनता को उसके अत्याचरों से मुक्ति दिलाई।

गणेश –  जब एक वार पर्वती जी स्नान कर रही थी और उनके पास कोई नहीं था तो उन्होंने अपने मेल व उवटन से एक पुत्र का निर्माण किया जिसका नाम गणेश था और उससे कहा कि कोई भी अंदर नहीं आये जब तक वह स्नान करे। तभी शंकर भगवान वहाँ आ गये और अंदर जाने लगे उन्हें गणेश जी ने रोक दिया। इस पर शंकर जी ने गणेश के सिर को धड़ से अलग कर दिया। फिर पार्वती के कहने पर हाथी का सिर लगा दिया। तभी से उनका नाम गणेश पड़ गया।

सुकेश –  राक्षस राज हेति ने भया नामक कन्या से विवाह किया इनसे विद्दुतकेश नामक पुत्र का जन्म हुआ। विद्दुतकेश का विवाह संध्या की पुत्री सालकंटकटा से हुआ सालकंटकटा व्यवचारणी थी। जिसको उसने लावारिस छोड़ दिया था। शिव व पार्वती ने उसे अपना पुत्र बना कर पाला था। इस कारण यह शिव पुत्र कहलाया था।

अयप्पा –  जब विष्णु भगवान ने मोहनी रूप धरा था। तो शिव भगवान उस पर मोहित हो गये थे। शिव व विष्णु के मोहनी रूप से एक पुत्र हुआ जिसका नाम अय्यपा कहलाया जो शिव को ही मारने के लिए उनके पीछे पड़ गया। जिससे भगवान विष्णु ने शिव को बचाया। और अय्यपा का अंत किया।

जलंधर- भगवान शिव की तीसरी आँख से एक तेज उत्पन हुआ। जिसको उन्होंने उसे समुंद्र में फेंक दिया दिया जिससे जलंधर का जन्म हुआ।

भौम  – एक वार तपस्या करते वक्त शिव का पसीना भूमि पर गिर गया जिससे देवी भूमि को एक पुत्र पैदा हुआ इसकी चार भुजाएं थी और वह रक्त वर्ण का था इसलिए मंगल ग्रह को ही भौम के नाम से भी जाना जाता है।

अंधक  – एक वार पार्वती जी ने पीछे से आकर शिव जी की आँखें बंद कर दी इससे संसार में अंधकार छा गया जिसके कारण उनकी तीसरी आँख खुल गई इसकी रोशनी की वजह से पार्वती को पसीना आ गया जिसकी बूंद से एक अंधक पुत्र का जन्म हुआ जो जन्म से अँधा था।

शंकर –सबका कल्याण करने वाले
गिरीश –पर्वतों के स्वमी
गंगाधर –गंगा धारण करने वाले
महाकाल –कालों के भी काल
सदाशिव –सदा कल्याण करने वाले
विश्र्वेश्र्वर सारे विश्व के ईश्वर
वीरभद्र वीर होते हुए भी शांत स्वरूप वाले
गणनाथ –गणों के स्वमी
प्रजापति –प्रजा के पालन करने वाले
देव –स्वयं प्रकाश रूप
महादेव –देवों के भी देव
भीम –भयंकर रूप वाले
रूद्र –भयानक
शिव –कल्याण स्वरूप
शम्भू –आनंद स्वरूप वाले
महेश्वर –माया के अधीश्वर
पिनाकी –पिनाक धनुष
शशिशेखर –चन्द्रमा धारण करने वाले

Joint names of Lord Shiva and Vishnu

भगवान शिव के  ज्वाइंट नाम जिनका वर्णन  शिव पुराण  में मिलता है। शिव के ऐसे 8 नाम हैं  जिन्हे शिव भक्त ज्यादा लेते है। रूद्र, शर्व, भाव, उग्र, भीम, पशुपति, ईशान और महादेव

विष्णु पुराण में इसका ज़िक्र मिलता है। जहाँ शिव बाल रूप का वर्णन है। जब एक सयम ब्रह्मा एक वालक की आवश्यक ता थी। कई महीनों की तपस्या के बाद उनकी गोद में एक बालक प्रकट हुआ। ब्रह्मा जी ने बालक का नाम पूछा तो वह रोने लगा रोने की आदत देखते हुए उसका नाम रूद्र रखा ,रूद्र का अर्थ है रोने वाला। यह नाम सुनकर शिव खुश नहीं हुए। इसके बाद शिव को वारी वारी से ८ नामों से पुकारा ,शिव पुराण के अनुसार उनके यह नाम पृथ्वी पर लिखे गए थे।

भगवान विष्णु के ज्वाइंट नाम अर्थात नामों की गाँठ जो की की अन्नत चतुर्दशी की पूजा में काम आती है। अन्नत चतुर्दशी की पूजा की शुरुआत पांडवों ने की थी। यह पूजा हर वर्ष भादो मास के शुक्ल पक्ष को की जाती है। अन्नत पूजा में भगवान विष्णु के १४ नामों पूजा की जाती है इस इस दिन अन्नत डोरा धारण किया जाता है। धारण करने से पूर्व डोरे को पूजा जाता है। हर गाँठ पर अलग अलग नामों से भगवान विष्णु का आवाहन किया जाता है। ये १४ नाम 

अनंत, पुरुषोत्तम, ऋषिकेश, पद्दनाम, माधव, बैकुण्ठ, श्रीधर, त्रिविक्रम, मधुसूदन, वामन, केशव, नारायण ,दामोदर और गोविन्द है । इस पूजा में  १४ प्रकार के फल ,पकवान ,मधु आदि भगवान को समर्पित किये जाते है।

Some other  Indian God Names for Baby Boy.

कुछ अन्य भगवान के नाम जिन पर हम अपने बच्चों के नाम रख सकते है –

अमेय –गणेश
अर्थव –गणेश
अवनी –गणेश
श्रीजय –गणेश
विग्नेश –गणेश
दामोदर कृष्णा
निधीश –कृष्णा
ओमकार –कृष्णा
प्रथम –कृष्णा
अल्पेश –कृष्णा
बालमुकुन्द –कृष्णा
बलेंद्र –कृष्णा
बालकृष्णा –कृष्णा
वंशीधर –कृष्णा
बृजेश कृष्णा
घनश्यामकृष्णा
गिरिधर –कृष्णा
गोपालकृष्णा
माधव –कृष्णा
यादवेंद्र –कृष्णा
दर्श –कृष्णा
गिरिनाथ –कृष्णा
गोविन्द –कृष्णा
केशव –कृष्णा
हरिराम –राम
जयराम –राम
राघव –राम
दशरथी –राम
आर्शिव –शिव
आशुतोष –शिव
अचलेश्वर –शिव
अक्षित –शिव
अरिहन्त –शिव
अविनाश –शिव
बद्री –शिव
बद्रीनाथ –शिव
भार्गव –शिव
बालशंकर –शिव
चन्द्रशेखर –शिव
इशान –शिव
बजरंग –हनुमान