MLC Full Form in Hindi | जानिए MLC का चुनाव कैसे किया जाता है

Full Form in Hindi

हेलो दोस्तों, हमारे इस मैं आपका स्वागत करती हूं, हमारे इस ब्लॉग में आज हम आपको  MLC Full Form in Hindi के बारे में बताएंगे, तो चलिए दोस्तों शुरू करतें हैं।

एमएलसी का फुल फॉर्म –

बता दें कि MLC का full form Member of Legislative Council होता है। हिंदी में एमएलसी का फुल फॉर्म विधान परिषद का सदस्य है। विधान परिषद का एक सदस्य (MLC) स्थानीय निकायों, राज्य विधान सभा, राज्यपाल, स्नातक एवं शिक्षकों द्वारा कम से कम 6 साल की अवधि के लिए चुना जाता है। हर दो साल में एक तिहाई सदस्य सेवानिवृत्त अवश्य हो जाते हैं।

मेडिकल क्षेत्र में एमएलसी का फुल फॉर्म मेडिको लीगल केस है। एक मेडिको-लीगल केस को चोट या फिर बीमारी आदि के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, जिसमें चोट या बीमारी के कारण के बारे में जिम्मेदारी निश्चित करने के लिए कानून-प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा जांच बहुत ही अनिवार्य है। यह उपस्थित चिकित्सक के लिए कानूनी प्रभाव के साथ एक चिकित्सा मामला है जहां उपस्थित चिकित्सक, इतिहास को जानने एवं मरीज की जांच करने के पश्चात, यह सोचता है कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा कुछ जांच अनिवार्य है। यह एक कानूनी मामला हो सकता है जब पुलिस के द्वारा जांच के लिए मेडिकल विशेषज्ञता की बहुत ज़रूरत होती है।

पात्रता – 

ध्यान देने वाली बात यह है कि एमएलसी को भारत का नागरिक अवश्य होना चाहिए, उसकी उम्र कम से कम 30 साल ज़रूर हो, वह मानसिक रूप सेएकदम से तंदुरुस्त होना चाहिए, वह कोई दिवालिया नहीं होना चाहिए एवं उस राज्य की मतदाता सूची में नामांकित भी अवश्य होना चाहिए जिसके लिए वह चुनाव लड़ रहा है। 

दरअसल वह एक ही समय में संसद सदस्य नहीं हो सकता है। राज्य विधान परिषद का आकार राज्य विधानसभा की सदस्यता के एक तिहाई से अधिक बिल्कुल भी नहीं हो सकता है। हालाँकि, इसका आकार कम से कम 40 सदस्यों से कम नहीं हो सकता है.

MLC का चुनाव कैसे किया जाता है – 

मित्रों राज्य सभा, विधान सभा एवं विधान परिषद राज्य सरकार का मुख्य अंग होता हैं। यदि एमएलसी की चुनाव प्रक्रिया की चर्चा की जाए तो आपको मैं यह बता दूँ, विधान परिषद के एक तिहाई सदस्य स्थानीय निकायों के सदस्य द्वारा अर्थात नगर पालिका एवं जिला बोर्ड के सदस्य के द्वारा ही चुने जाते हैं, वही विधान परिषद के एक तिहाई सदस्य राज्य विधानसभा के सदस्यों के द्वारा ही चुने जाते हैं। 

दरअसल एमएलसी के 1/12 सदस्य राज्य के शिक्षक के द्वारा ही चुने जाते हैं एवं 1/12 सदस्य स्नातक पास पंजीकृत मतदाताओं के द्वारा ही चुने जाते हैं, इसके अलावा राज्यपाल के द्वारा भी विधान परिषद के कुछ सदस्यों का चयन अवश्य किया जाता है। इन सब के द्वारा चुने गए सदस्यों को विधान परिषद का सदस्य बना दिया जाता है।

योग्यता – 

विधान परिषद का सदस्य बनने के लिए मनुष्य के पास कुछ महत्वपूर्ण योग्यता का होना बहुत ही आवश्यक है जो कि इस प्रकार से हैं –

  • विधान परिषद का सदस्य बनने के लिए उम्मीदवार का भारत का नागरिक होना बहुत ही आवश्यक होता है। 
  • एमएलसी (MLC) बनने के लिए मनुष्य की उम्र कम से कम 30 साल का होना आवश्यक है। 
  • एमएलसी बनने वाले उम्मीदवार का मानसिक रूप से एकदम ठीक होना बहुत आवश्यक है एवं हर कठिनाई में सही फैसला करने वाला होना चाहिए। 
  • इसके साथ ही उम्मीदवार को अपने गांव या फिर शहर के मतदाता सूची में नाम होना बहुत आवश्यक है। 
  • एमएलसी उम्मीदवार एक समय में विधान परिषद का सदस्य एवं सरकारी पद पर बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए.

ये कुछ महत्त्वपूर्ण योग्यताएं हैं जो विधान परिषद का सदस्य बनने के लिए बहुत ही आवश्यक है। अगर आपमें ये सभी योग्यताएं हैं तो आप विधान परिषद का सदस्य अवश्य बन सकते हैं।