KYC Full Form In Hindi What is KYC In Banking

KYC Full Form In Hindi | What is KYC In Banking

Full Form in Hindi

दोस्तों KYC की फुल फॉर्म हिंदी में होती है Know Your Customer Or Know Your Client.  सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि हम Full Form of KYC in Hindi के साथ साथ इसके वारे में विस्तार से बात करेंगे और जानेंगे कि KYC क्या होता है। मित्रों उम्मीद है कि आपने KYC का नाम आपने कई बार अखबारों में या टीवी में या कंपटीशन की तैयारी कराने वाली किताबों में जरूर सुना होगा। लेकिन आज हम Full Form of KYC Hindi me विस्तृत जानकारी के साथ आपके सामने प्रस्तुत कर रहे हैं.

KYC का अर्थ

आपको बता दें कि KYC का अर्थ (Know Your Customer) को साधारण हिंदी में परिभाषित करें तो यह कहेंगे कि कस्टमर के बारे में पूरी जानकारी. केवाईसी कराना सभी के लिए बहुत ही आवश्यक है. एक तरह से बैंक एवं ग्राहक के बीच KYC रिश्ते को तन्दुरस्त करता है. बिना केवाईसी निवेश निषेध माना गया है, इसके बगैर बैंक खाता भी खोलना कतई आसान नहीं है.

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आधार कार्ड से भी अपना KYC कर सकते हैं

बहुत अधिक कठिनाइयों के बिना ट्रांजेक्शन करने के लिए KYC तरीके का प्रयोग किया जाता है। KYC (नो योर कस्टमर) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके माध्यम से बैंक या संस्थान किसी मनुष्य की पहचान तथा पते की पुष्टि करता है। अब आप आधार कार्ड से भी अपना KYC कर सकते हैं। आपको यह भी बता दें कि केवाईसी एक ऐसा प्रोसेस है, जिसके अंतर्गत सभी कंपनियां, बैंक, सरकारी योजना, वित्तीय संस्थान अपने- अपने ग्राहकों की पहचान के लिए उनके डॉक्यूमेंट की फोटो कॉपी जमा कर लेते हैं | इस डॉक्यूमेंट में ग्राहक का नाम, पता, पहचान पत्र से सम्बंधित जानकारी भी होती है, जिससे भविष्य में किसी भी दुर्घटना होने पर उस मनुष्य की पहचान की जा सके |

दरअसल बैंक में खाता खुलवाना, म्यूचुअल फंड में निवेश, बैंक लॉकर्स लेने पर, या फिर कोई पुरानी कंपनी की पीएफ राशि निकालनी हो तो ऐसे वित्तीय लेन-देन में केवाईसी के बारे में अवश्य पूछा जाता है. केवाईसी के जरिए यह आपसे सुनिश्चित भी किया जाता है कि कोई बैंकिंग सेवाओं का दुरुपयोग तो नहीं कर रहा है. ध्यान रहे कि इन सबके अलावा जब आप सिम कार्ड भी खरीदते हैं तो अपनी पहचान के लिए आधार कार्ड वैरीफाई करते हैं, इस प्रक्रिया को भी KYC कहा जाता  है. केवाईसी फॉर्म ऑनलाइन भी भरे जाते हैं. परन्तु डॉक्यूमेंट्स एवं फोटो वैरीफिकेशन के लिए एक बार बैंक जाना आवश्यक होता है.

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केवाईसी फॉर्म के साथ ग्राहक को अपनी पहचान एवं एड्रेस प्रूफ जमा करने होते हैं. आईडी प्रूफ के लिए आधार कार्ड, वोटर आईडी तथा पैन कार्ड जैसे कई विकल्प हैं. एड्रेस प्रूफ के लिए आधार कार्ड का प्रयोग किया जा सकता है. एड्रेस का कोई प्रूफ न होने पर एफिडेविट भी दिया जा सकता है.

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ऐसा कहा जाता है कि यदि आवेदक की केवाईसी प्रक्रिया पूरी हो जाती है तो इससे जालसाजी या धोखाधड़ी की संभावना बिल्कुल कम हो जाती है. इसलिए केवाईसी के साथ दस्तावेज देते समय कतई न बरतें. इस प्रक्रिया से आवेदक की असली पहचान एकदम सुनिश्चित हो जाती है. 

आपको बता दें कि केवाईसी ग्राहक एवं वित्तीय संस्थान दोनों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। बैंकिंग संस्थान को जहां KYC के जरिये ग्राहक की सभी अपडेटेड जानकारियां प्राप्त हो जाती हैं। वहीं ग्राहक को इस बात की सुरक्षा भी मिल जाती है कि उसके अकाउंट में से कोई और मनुष्य धन का हेरफेर बिल्कुल भी नहीं कर सकता है।

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केवाईसी के फायदे

  • आपको बता दें कि पार्टिकल फ्रीजिंग ग्राहक पहचान जरूर स्थापित करता है।
  • ग्राहक की गतिविधियों की प्रकृति को समझने में बहुत सहायता करता है (प्राथमिक लक्ष्य यह सत्यापित करना है कि ग्राहक के धन का स्रोत वैध है)
  • ऐसा माना जाता है कि ग्राहक की गतिविधियों की निगरानी के प्रयोजनों के लिए उस ग्राहक के साथ जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग जोखिमों का बहुत तेजी से आकलन करता है।

आपको यह भी बता दें कि सरकार ने व्यक्ति की पहचान लिए छ: प्रकार के दस्तावेजों को KYC के लिए प्रमाणित दस्तावेज के तौर पर मान्‍य किया है, जिन्हें मनुष्य की पहचान का प्रमाण माना गया है। यदि आपने एक बार KYC दस्‍तावेज बैंक में जमा करवा दिए हैं तो वही बैंक आपकी पहचान सुनिश्चित करने के लिए एक खास समय के बाद दोबारा KYC रिकार्ड अपडेट करने के लिए इन दस्तावेजों की मांग कर सकता है। यह बैंक के अकाउंट की जांच के लिए किया जाने वाला एक लगातार जारी रहने वाला अच्छा प्रयास होता है।

आपको यह भी बता दें कि KYC एक बहुत ही महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जब किसी ग्राहक को किसी कम्पनी या बैंक के द्वारा वित्तीय सेवा दी जाती है, तो उसकी पहचान करने में केवाईसी फॉर्म की मुख्य भूमिका होती है | केवाईसी बैंकिंग प्रक्रियाओं का अनिवार्य एवं एक महत्वपूर्ण हिस्सा है | इससे धोखाधड़ी तथा लेनदेन के जोखिम को बिल्कुल कम किया जा सकता है |

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ऐसा माना जाता है कि केवाईसी वह प्रक्रिया है जिसके तहत फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस अपने कस्टमर का आइडेंटिफिकेशन तथा एड्रेस प्रूफ को वेरीफाई करने को कहता है। जैसे कि आप अगर किसी बैंक में अकाउंट खोलने जाएंगे, तो बैंक आपसे आपका केवाईसी डॉक्यूमेंट मतलब, आपका आईडेंटिटी और एड्रेस प्रूफ करने के लिए जरुरी पेपर प्रोडूस करने को कहेगा।

आईडेंटिटी प्रूफ करने के लिए और एड्रेस प्रूफ करने के लिए अलग-अलग तरह के कई पेपर है, जैसे कि आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस आदि आप इनमें से कोई दो डॉक्यूमेंट दे कर अपना केवाईसी कंप्लीट कर सकते हैं।

केवाईसी का महत्व

केवाईसी के कारण लोग बहुत तरह के बैंकिंग फ्रॉड से बच पाते हैं

केवाईसी के कारण सरकार और आरबीआई सभी तरह के बैंकिंग ट्रांजैक्शंस पर नजर रख पाती है

सरकार को money-laundering रोकने में केवाईसी के कारण काफी मदद मिलती है

केवाईसी के कारण टेररिज्म को होने वाली फंडिंग में काफी कमी आई है.