DA Full Form In Hindi | इतिहास | सबसे सटीक जानकारी

Full Form in Hindi

अगर आप जानना चाहते है कि DA Full Form In Hindi क्या होती है तो बने रहें हमारी वेबसाइट पर और इस  पोस्ट को लास्ट तक पढ़ें।

DA का फुल फॉर्म –

बता दें कि DA का फुल फॉर्म Dearness Allowance होता है। हिंदी में डी.ए. का फुल फॉर्म महंगाई भत्ता माना गया है। दरअसल यह लोगों के मुद्रास्फीति (Inflation) के प्रभाव को कम करने के लिए भुगतान किए गए एक मनुष्य के वेतन का हिस्सा बताया जाता है, जिसे मूल वेतन के प्रतिशत के रूप में गणना की जाती है। महंगाई भत्ता (DA) महंगाई पर आधारित एक जीवित समायोजन का अनुदान है एवं भारत, बांग्लादेश तथा पाकिस्तान में सरकारी कर्मचारियों, सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों (PSE) एवं पेंशनरों को भुगतान भी किया जाता है। DA शहर से शहर में बदलता रहता है, क्योंकि रहने की लागत भी जगह-जगह बदलती रहती है एवं महानगरों में रहने की लागत छोटे शहरों तथा ग्रामीण क्षेत्रों से बहुत ही अधिक होती है।

इतिहास – 

महंगाई भत्ता अर्थात “Dearness Allowance” का प्रारंभ दूसरे विश्वयुद्ध के समय हुआ था | जिसके अंतर्गत सिपाहियों को खाने एवं दूसरी सुविधाओं हेतु उनके निर्धारित वेतन के अलावा खर्च प्रदान किया जाता था | प्राप्त होने वाले इस खर्च के पैसे को उस समय खाद्य महंगाई भत्ता या फिर डियर फूड अलावेंस के नाम से पुकारा जाता था | कर्मचारी के वेतन में जैसे – जैसे बढ़ोत्तरी होती थी, ठीक वैसे – वैसे  भत्ते में भी इजाफा अवश्य किया जाता था | भारत में सबसे पहले सन 1972 में मुंबई के कपड़ा उद्योग में महंगाई भत्ता अवश्य लागू किया गया था | इसके उपरांत ही भारत सरकार ने भी सभी सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता देने का एलान भी अवश्य कर दिया था, ताकि देश में बढ़ती हुई महंगाई का असर सरकारी कर्मचारी पर बिल्कुल भी न पड़ सके | इसलिए इस पर सन 1972 में ही एक कानून भी बनाया गया, जिससे कि ऑल इंडिया सर्विस एक्ट 1951 के अंतर्गत आने वाले सभी सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता दिए जाने लगे | इस तरह से भारत में भी महंगाई भत्ता पूर्ण रूप से लागू हो गया|

आपको यह जानकर हर्ष होगा कि डीए स्थान के अधीन है। इसका अर्थ होता है कि महंगाई भत्ते की राशि इस बात पर निर्भर करेगी कि आप किस जगह पर हैं, क्योंकि रहने की लागत एक अलग जगह के अनुसार परिवर्तनशील है। यदि आप छोटे शहरों या फिर ग्रामीण इलाकों में रहते हैं तो आपका डीए मेट्रो शहरों में रहने वाले मनुष्य जितना भारी नहीं होगा। आपकी कार्य अवधि के दौरान आपके वेतन के आधार पर एक विशिष्ट राशि डीए के रूप में आवंटित अवश्य की जाएगी।

पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ता – 

बता दें कि पेंशनभोगी, इस मामले में, केंद्र सरकार के वे सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं जो सरकार से व्यक्तिगत या फिर पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र माने गये हैं। हर बार जब वेतन आयोग एक नया वेतन ढांचा तैयार करता है, तो परिवर्तन सेवानिवृत्त कर्मचारी की पेंशन में भी दिखाई देता है। इसी तरह, अगर महंगाई भत्ते में किसी विशेष प्रतिशत में पूरी तरह से बदलाव किया जाता है, तो सेवानिवृत्त कर्मियों की पेंशन को तदानुसार संशोधित भी अवश्य किया जाता है।

महंगाई भत्ता विलय – 

दरअसल गणना फार्मूले में संशोधन के पश्चात् से सार्वजनिक क्षेत्र एवं केंद्र सरकार के कर्मचारियों का डीए लगातार बढ़ रहा है। वर्तमान में, यह मूल वेतन का 50% है। यह मुद्रास्फीति के प्रतिकूल प्रभावों को दूर करने के लिए हर साल डीए में लगातार वृद्धि का परिणाम अधिक हो रहा है। नियमों के अनुसार, डीए को मूल वेतन के साथ मिलाने की यह प्रथा है जब यह 50% के स्तर को पार कर जाता है। अगर ऐसा किया जाता है, तो इसका अर्थ कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण वेतन वृद्धि होगी क्योंकि वेतन के अन्य सभी घटकों की गणना मूल वेतन के आधार पर ही की जाती है। सरकार के द्वारा समक्ष मांग उठाई गई है, एवं जल्द ही इन तर्ज पर एक निर्णय की उम्मीद भी की गई है। अगर फैसला कर्मचारियों के पक्ष में किया जाता है, तो इससे उनके वेतन में बहुत अधिक वृद्धि होगी।